सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005, भारत के नागरिकों को सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने का एक शक्तिशाली साधन प्रदान करता है। यह आपको सरकार से जानकारी मांगने का अधिकार देता है, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित होती है। हालांकि, इस अधिकार का सही तरीके से उपयोग करना कभी-कभी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कई आम नागरिकों को RTI फाइल करते समय कुछ सामान्य दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह लेख आपको उन प्रमुख समस्याओं और उनके सीधे, व्यावहारिक समाधानों के बारे में बताएगा, ताकि आपकी जानकारी तक पहुँच आसान हो सके।
RTI फाइलिंग में सबसे आम दिक्कतें
RTI आवेदन की प्रक्रिया में कुछ ऐसी बाधाएँ आती हैं जो अक्सर आवेदकों को निराश कर देती हैं। इन दिक्कतों को समझना पहला कदम है सही समाधान की ओर बढ़ने का।
1. गलत या अस्पष्ट सवालों का फॉर्मूलेशन
अक्सर RTI आवेदनों में पूछे गए सवाल स्पष्ट या सटीक नहीं होते हैं। जब आप कोई प्रश्न अस्पष्ट तरीके से पूछते हैं, तो सूचना अधिकारी (PIO) के पास आपके आवेदन को अस्वीकार करने का एक वैध कारण होता है। वे गलत जानकारी भी दे सकते हैं, क्योंकि उन्हें ठीक से समझ नहीं आता कि आप क्या जानना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, “सरकारी भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी” पूछना बहुत व्यापक है। अधिकारी को पता ही नहीं चलेगा कि उन्हें कौन सी फाइलें देखनी हैं या किस विशिष्ट मामले पर आपको जानकारी चाहिए। इससे आपका बहुमूल्य समय बर्बाद होता है और जानकारी मिलने की संभावना कम हो जाती है।
2. समय का सही निर्धारण न करना
RTI आवेदन कब और किस विभाग को भेजना है, इसकी सही समझ न होना भी एक बड़ी समस्या है। कई बार लोग जानकारी मांगने की प्रक्रिया को पूरी तरह से नहीं समझते। इससे आवेदन गलत विभाग को भेज दिया जाता है, या फिर बहुत देरी से भेजा जाता है। यदि आप अपनी स्थानीय नगरपालिका से जुड़ी जानकारी सीधे केंद्रीय सरकार के किसी मंत्रालय को भेजते हैं, तो निश्चित रूप से इसमें काफी समय लगेगा। आवेदन को सही जगह पहुंचने में हफ्तों या महीनों लग सकते हैं, जिससे जानकारी मिलने में अनावश्यक देरी होती है।
3. सही फॉर्म और प्रक्रिया का अभाव
कुछ राज्यों या सरकारी विभागों के पास RTI आवेदन के लिए अपने निर्धारित फॉर्म होते हैं, या फिर ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा होती है। लेकिन आवेदक अक्सर इसकी जानकारी नहीं रखते। वे सामान्य कागज पर आवेदन कर देते हैं या पूरी प्रक्रिया का पालन नहीं करते। इससे आवेदन देर से स्वीकार्य होता है, या फिर अधिकारी उसे अपूर्ण बताकर वापस भेज सकते हैं। यह स्थिति आपके आवेदन को लंबित रखती है और आपको बार-बार ठीक करके जमा करने की परेशानी झेलनी पड़ती है। सही प्रक्रिया का पालन न करना अंततः आपके आवेदन को अमान्य कर सकता है।
4. आवेदन शुल्क और छूट का न पता होना
RTI आवेदन के लिए एक मामूली शुल्क होता है, जो राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। यदि आप बिना शुल्क के या गलत शुल्क के साथ आवेदन करते हैं, तो आपका आवेदन खारिज हो सकता है। इसके अलावा, गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवारों को अक्सर यह शुल्क माफ होता है, लेकिन बहुत से आवेदक इस छूट के बारे में नहीं जानते। उन्हें लगता है कि शुल्क देना अनिवार्य है, जबकि वे इसके हकदार होते हैं। शुल्क संबंधी जानकारी की कमी न केवल आवेदन रद्द करवा सकती है बल्कि वित्तीय बोझ भी बढ़ा सकती है।
5. पीआईओ (सूचना अधिकारी) से संपर्क में कठिनाई
हर सरकारी कार्यालय में एक लोक सूचना अधिकारी (PIO) या सहायक लोक सूचना अधिकारी (APIO) होता है। यदि आप सही PIO से संपर्क नहीं कर पाते, या उनसे जानकारी मांगने का तरीका नहीं जानते, तो आपकी आवेदन प्रक्रिया में बाधा आ सकती है। कई बार PIO का संपर्क विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं होता, या वह पुराना होता है। इस वजह से आपका आवेदन गलत व्यक्ति के पास पहुंच सकता है या जवाब मिलने में देरी हो सकती है। PIO से सीधा और सही संपर्क स्थापित करना RTI प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
6. अनुचित या गैर-कानूनी जानकारी की मांग
RTI अधिनियम हर तरह की जानकारी मांगने की अनुमति नहीं देता। कुछ लोग ऐसी जानकारी मांगते हैं जो अधिनियम की परिभाषा के दायरे में नहीं आती, जैसे कि व्यक्तिगत गोपनीय जानकारी, देश की सुरक्षा से संबंधित जानकारी, या किसी तीसरे पक्ष की वाणिज्यिक गुप्त बातें। उदाहरण के लिए, किसी सरकारी अधिकारी के निजी आय-व्यय का ब्यौरा मांगना अनुचित हो सकता है। ऐसी जानकारी मांगने पर आपका आवेदन ठुकराया जा सकता है या लंबे समय तक लंबित रह सकता है। अधिनियम के दायरे को समझना बहुत आवश्यक है।
RTI फाइलिंग की सबसे आम दिक्कतों के सीधे समाधान
अच्छी बात यह है कि ऊपर बताई गई हर दिक्कत का एक सीधा और प्रभावी समाधान मौजूद है। थोड़ी सी तैयारी और सही जानकारी के साथ, आप अपनी RTI फाइलिंग प्रक्रिया को काफी आसान बना सकते हैं।
1. स्पष्ट और संक्षिप्त सवाल लिखें
आपके प्रश्नों को जितना हो सके उतना दुरुस्त और सीधा होना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि आपका सवाल RTI अधिनियम की धारा 2(f) की परिभाषा के तहत आता हो। इसका अर्थ है कि आप केवल ऐसे “रिकॉर्ड्स, दस्तावेज़, मेमो, ईमेल, राय, सलाह, प्रेस विज्ञप्ति, परिपत्र, आदेश, लॉगबुक, अनुबंध, रिपोर्ट, कागजात, नमूने, मॉडल, डेटा सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखी गई जानकारी” की मांग कर सकते हैं। आप “क्या सरकार ने सोचा था…” जैसे सवाल नहीं पूछ सकते, क्योंकि यह एक राय है, जानकारी नहीं। प्रश्नों को तार्किक ढंग से फ्रेम करें ताकि किसी तरह की भ्रांति न हो। उदाहरण के लिए, “वित्तीय वर्ष 2022-23 में आपके विभाग द्वारा सड़क मरम्मत पर खर्च की गई कुल राशि का ब्यौरा और संबंधित कार्य आदेशों की प्रतियां प्रदान करें।” यह एक स्पष्ट, तथ्यात्मक और मांग योग्य प्रश्न है।
2. सही समय और विभाग का पता लगाएं
आवेदन देने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपको कौन से विभाग या अधिकारी को आवेदन भेजना है। आप संबंधित सरकारी विभाग की वेबसाइट पर जाकर या उनके कार्यालय में पूछताछ करके सही लोक सूचना अधिकारी (PIO) का पता लगा सकते हैं। केंद्रीय सरकार के लिए RTI कैसे और कब फाइल करें, इस पर दिशा-निर्देश उपलब्ध हैं। यदि आपको सटीक विभाग नहीं पता, तो आप आवेदन को “केन्द्रीय/राज्य लोक सूचना अधिकारी, संबंधित विभाग” को संबोधित कर सकते हैं और उसमें अपनी जानकारी के आधार पर संभावित विभाग का उल्लेख कर सकते हैं। PIO को 5 दिनों के भीतर आवेदन को सही PIO को हस्तांतरित करना होता है।
3. नियत फॉर्मेट का उपयोग करें
जहां भी संभव हो, निर्धारित फॉर्म या ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करके RTI फाइल करें। केंद्रीय सरकार के लिए www.rtionline.gov.in एक सुविधा है। कई राज्य सरकारों के भी अपने ऑनलाइन पोर्टल हैं। यदि ऑनलाइन सुविधा नहीं है, तो आवेदन सादे कागज पर भी लिखा जा सकता है, लेकिन इसमें सभी आवश्यक विवरण जैसे आपका नाम, पता, संपर्क नंबर और स्पष्ट प्रश्न शामिल होने चाहिए। किसी भी फॉर्म या पोर्टल पर उपलब्ध विशिष्ट आवश्यकताओं का पालन अवश्य करें। यदि आपको सरकारी पोर्टल पर ऑनलाइन प्रक्रियाएं समझने में दिक्कत आती है, तो आप सरकारी पोर्टलों पर ऑनलाइन प्रक्रियाओं को समझने के लिए दिए गए सामान्य दिशानिर्देशों का सहारा ले सकते हैं, हालांकि यह विशेष रूप से आयकर से संबंधित है।
4. आवेदन शुल्क और छूट की जानकारी लें
RTI आवेदन शुल्क आमतौर पर ₹10 होता है, लेकिन यह राज्य के अनुसार भिन्न हो सकता है। आप यह शुल्क भारतीय पोस्टल ऑर्डर (IPO), डिमांड ड्राफ्ट (DD), बैंकर चेक या नगद भुगतान (रसीद के साथ) के माध्यम से जमा कर सकते हैं। बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) आवेदकों को शुल्क से छूट मिलती है, लेकिन उन्हें अपने बीपीएल कार्ड की फोटोकॉपी या संबंधित प्रमाण संलग्न करना होगा। ऑनलाइन आवेदन में भी शुल्क जमा करने की सुविधा होती है। हमेशा संबंधित विभाग या राज्य RTI पोर्टल पर नवीनतम शुल्क जानकारी की जांच करें।
5. पीआईओ से संपर्क के लिए सही जानकारी दें
अपने RTI आवेदन में अपना पूरा और सही पता, फोन नंबर और ई-मेल आईडी अवश्य लिखें। यह अधिकारी को आपसे संपर्क करने और जानकारी भेजने में मदद करेगा। यदि PIO से 30 दिनों के भीतर जवाब नहीं मिलता है, तो आप पहले अपीलीय अधिकारी (First Appellate Authority – FAA) के पास अपील कर सकते हैं। यह भी सुनिश्चित करें कि आप आवेदन की एक प्रति और भुगतान की रसीद अपने पास सुरक्षित रखें। यदि आवश्यक हो, तो सरकारी जानकारी के लिए महत्वपूर्ण टिप्स वाले रील्स और गाइड भी मददगार हो सकते हैं।
6. वैध जानकारी की मांग पर ध्यान दें
RTI अधिनियम केवल ‘जानकारी’ की परिभाषा में आने वाली सामग्री को कवर करता है। इसका मतलब है कि आप दस्तावेजों, रिकॉर्ड्स या नीतियों के बारे में जानकारी मांग सकते हैं। आप अधिकारियों से उनकी राय, सलाह या भविष्य की योजनाओं के बारे में नहीं पूछ सकते। अपनी जानकारी की मांग को अधिनियम के दायरे में रखें। यदि आप ऐसी जानकारी चाहते हैं जो RTI के तहत नहीं आती, तो आपका आवेदन खारिज हो सकता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि RTI ‘सवाल पूछने’ का नहीं बल्कि ‘मौजूदा जानकारी प्राप्त करने’ का अधिकार है।
RTI से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए
सूचना का अधिकार अधिनियम को बेहतर ढंग से समझने और अपनी फाइलिंग प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के लिए, आप इस वीडियो को देख सकते हैं। यह आपको व्यावहारिक सुझाव और मार्गदर्शन प्रदान करेगा:
अतिरिक्त सुझाव और सर्वोत्तम अभ्यास
- अपने आवेदन की प्रति रखें: हमेशा अपने RTI आवेदन, शुल्क रसीद और किसी भी संबंधित पत्राचार की एक प्रति अपने पास सुरक्षित रखें। यह भविष्य के संदर्भ या अपील के लिए महत्वपूर्ण है।
- समय-सीमाओं का ध्यान रखें: PIO को आमतौर पर 30 दिनों के भीतर जवाब देना होता है। यदि जानकारी किसी व्यक्ति के जीवन या स्वतंत्रता से संबंधित है, तो यह समय-सीमा 48 घंटे की होती है। इन समय-सीमाओं को याद रखें।
- अपील का अधिकार जानें: यदि आपको 30 दिनों के भीतर जवाब नहीं मिलता, या आप दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप पहले अपीलीय अधिकारी (FAA) के पास अपील कर सकते हैं। यदि FAA से भी संतोषजनक जवाब न मिले, तो आप केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) या राज्य सूचना आयोग (SIC) में दूसरी अपील कर सकते हैं।
- विनम्र और स्पष्ट रहें: अपने आवेदन और पत्राचार में हमेशा विनम्र और तथ्यात्मक भाषा का उपयोग करें। भावनाओं या आरोपों से बचें।
- सटीक पता लगाएं: सरकारी विभागों की संरचना को समझना महत्वपूर्ण है। अक्सर, जानकारी किसी विशिष्ट ‘पब्लिक अथॉरिटी’ के पास होती है। सही अथॉरिटी का पता लगाने के लिए ऑनलाइन खोज या फ़ोन कॉल करें।
हमें अफसोस है कि हमारे पास इस विषय पर सारणीबद्ध डेटा उपलब्ध नहीं है। किसी भी छवि, ग्राफ़ या इन्फोग्राफिक को जोड़ने के लिए, हम आपको निम्नलिखित स्थानों पर विचार करने का सुझाव देंगे:
- RTI आवेदन फॉर्म के एक उदाहरण की छवि, जो स्पष्ट रूप से विभिन्न खंडों को दर्शाती है।
- RTI आवेदन प्रक्रिया के चरण-दर-चरण प्रवाह आरेख का इन्फोग्राफिक, जिसमें आवेदन, प्रतिक्रिया और अपील की समय-सीमाएं शामिल हों।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
RTI आवेदन कैसे फाइल करें?
आप RTI आवेदन सादे कागज पर लिखकर या ऑनलाइन पोर्टल (जैसे rtionline.gov.in) के माध्यम से फाइल कर सकते हैं। इसमें अपना नाम, पता, संपर्क विवरण और स्पष्ट प्रश्न शामिल करें। ₹10 का आवेदन शुल्क (बीपीएल आवेदकों के लिए छूट) संलग्न करें और इसे संबंधित लोक सूचना अधिकारी (PIO) को भेजें। अपनी जानकारी को जितना हो सके उतना सटीक और संक्षिप्त रखें।
RTI क्यों फाइल करना चाहिए?
RTI फाइल करना नागरिकों को सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने का अधिकार देता है। यह आपको सरकार से जानकारी प्राप्त करने, भ्रष्टाचार पर सवाल उठाने और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को समझने में मदद करता है। यह लोकतंत्र में नागरिक भागीदारी को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
RTI आवेदन का शुल्क कितना है?
केंद्रीय RTI आवेदन का शुल्क आमतौर पर ₹10 होता है। यह शुल्क भारतीय पोस्टल ऑर्डर (IPO), डिमांड ड्राफ्ट (DD) या नगद भुगतान (रसीद के साथ) के माध्यम से जमा किया जा सकता है। हालांकि, राज्य सरकारों के नियम भिन्न हो सकते हैं, इसलिए अपने राज्य की वेबसाइट पर शुल्क की जानकारी जांचना महत्वपूर्ण है।
क्या BPL श्रेणी के व्यक्तियों को RTI शुल्क से छूट मिलती है?
हाँ, गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले आवेदकों को RTI आवेदन शुल्क से छूट मिलती है। उन्हें अपने आवेदन के साथ अपने BPL कार्ड की एक वैध फोटोकॉपी या संबंधित प्रमाण संलग्न करना होता है ताकि वे इस छूट का लाभ उठा सकें।
RTI आवेदन का जवाब कितने समय में मिलना चाहिए?
लोक सूचना अधिकारी (PIO) को सामान्यतः 30 दिनों के भीतर RTI आवेदन का जवाब देना होता है। यदि मांगी गई जानकारी किसी व्यक्ति के जीवन या स्वतंत्रता से संबंधित है, तो यह समय-सीमा 48 घंटे की होती है। यदि इस अवधि में जवाब नहीं मिलता है, तो आवेदक पहले अपीलीय अधिकारी के पास अपील कर सकता है।
संक्षेप में, RTI फाइलिंग में आने वाली दिक्कतें अक्सर जानकारी के अभाव या प्रक्रिया की अस्पष्टता से जुड़ी होती हैं। लेकिन सही जानकारी, स्पष्ट सवाल और निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करके आप इन बाधाओं को आसानी से पार कर सकते हैं। RTI अधिनियम एक सशक्त उपकरण है; इसे समझदारी से उपयोग करें और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें। यह आपकी जानकारी तक पहुंच को आसान बनाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपको हमेशा नवीनतम जानकारी मिले, सरकारी नियमों और प्रक्रियाओं में किसी भी अपडेट के लिए संबंधित वेबसाइटों को नियमित रूप से जांचने की सलाह दी जाती है।